जनादेश/देहरादून: उत्तराखंड में लंपी रोग की रोकथाम व बचाव के लिए सरकार ने मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। प्रदेश के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा पशुओं में फैल रहे लंपी वायरस को लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, जिससे रोग से पशुओं को समय रहते बचाया जा सके। मंत्री ने लंपी रोग के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तराखंड में अब तक कुल 20,505 केस पंजीकृत किये गये हैं जिनमें से 8,028 पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं। 341 पशुओं की लंपी रोग से मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि लंपी रोग से स्वस्थ होने की दर 40% तथा मृत्यु दर 1.6% है। 26 सितंबर से प्रदेश में रोग से पशुओं को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
बृहस्पतिवार को पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने विधानसभा स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर लंपी रोकथाम की समीक्षा की।
एसओपी में पशुपालकों को ये सलाह
– लंपी रोग से ग्रसित पशु को अन्य पशुओं से अलग रखें।
– गौशाला में मच्छर, मक्खियों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाश दवाईयों का छिड़काव या धुआं करें।
– 25 लीटर पानी में फिटकरी व नीम की पत्ते का पेस्ट मिला कर रोग ग्रस्त पशु को नहलाएं।
– रोगी पशु को पौष्टिक चारा खिलाएं
– रोग से ग्रसित और संपर्क में आए पशु को गोटपॉक्स वैक्सीन न लगाएं।
– रोग से मृत पशु को खुले में न फेंके। इससे रोग का संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।