जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून । राज्य बनने के 22 साल बाद भी ढलानी गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं। यहां के ग्रामीण प्रतिदिन परेशानी उठाकर आवागमन कर रहे हैं। मुख्य मार्ग से गांव तक जाने के लिए एक किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई से पसीने छूट जाते हैं। सबसे अधिक परेशानी तक होती है जब गांव से किसी बीमार को अस्पताल पहुंचाना होता है। कई बार जनप्रतिनिधियों समेत शासन तक समस्या बताई गई, लेकिन उसके बाद भी गांव को सड़क से नहीं जोड़ा गया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि 2024 से पहले गांव गांव को सड़क सुविधा से नहीं जोड़ा गया तो नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा।
राज्य उत्तराखंड बना तो ढलानी गांव के ग्रामीणों में उम्मीद जगी कि अब उनको भी सड़क सुविधा मुहैया हो जाएगी। गांव तक गाड़ियां पहुंचेंगी और उनके रोजाना के कष्ट कट जाएंगे, लेकिन इसी उम्मीद में बच्चे जवान हो गए और जवान बूढ़े, लेकिन गांव तक सड़क का सपना अधूरा ही है। ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानी उस समय होती है, जब कोई बीमार हो जाता है। बीमार को स्वजन कंधे पर उठाकर पगडंडीनुमा रास्ते पर अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं। ढलानी गांव के स्कूल जाने वाले बच्चों को भी 1 किलोमीटर की पैदल दूरी नापने के बाद वाहन सुविधा मिलती है। ढलानी गांव में 25 परिवारों की करीब तीन 100 की आबादी है। ग्रामीण क्षेत्रीय विधायक, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों व शासन स्तर तक गुहार लगा चुके हैं।