जनादेश एक्सप्रेस/लखनऊ। अलग-अलग हत्या के मामलों में सजा काट रहे दो लोग सलाखों के पीछे रिश्तेदार बन गए हैं। दोनों ने अपने बेटे और बेटी की शादी तय कर दी। इसके बाद सजा काट रहे दूल्हा-दुल्हन के पिताओं ने जेल प्रशासन से शादी के गवाह बनने के लिए पैरोल की अनुमति मांगी। जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर शासन ने पेरोल की अनुमति दे दी।
पिपरी कोतवाली के कटहुला गांव निवासी सुमित तथा धारा सिंह हत्या के एक मामले में 10 साल की सजा काट कर रहे हैं। जेल में धारा सिंह की मुलाकात सरायअकिल कोतवाली के अतरसुइया निवासी अर्जुन सिंह से हुई जो हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।अर्जुन तथा धारा सिंह के बीच जेल में बीत रहे पल दोस्ती में बदल गए।
दोस्ती टूटे नहीं, इसे लेकर दोनों ने आपस में रिश्तेदार बनने का फैसला लिया। धारा का बेटा सुमित जेल में सजा पूरी करके छूट चुका है। अर्जुन ने अपनी बेटी के वर के तौर पर सुमित को चुना।
उसने यह बात धारा से बताई तो वह भी तैयार हो गया। शादी की सारी तैयारियां की गईं। इस पर सुमित के पिता धारा तथा बेटी के पिता अर्जुन ने पेरोल मांगी थी। पुलिस अभिरक्षा में वर-वधू के सजायाफ्ता पिता को पेरोल पर छोड़ा गया। बुधवार को धूमधाम से शादी की रस्में पूरी हुईं।
शासन की स्वीकृति मिलने के बाद विवाह की रस्म निभाने के लिए कैदी अर्जुन सिंह को 21 दिन तथा धारा सिंह को चार दिन का पेरोल दिया गया है। पेरोल खत्म होने के बाद उन्हें फिर से जेल में दाखिल करा दिया जाएगा। – भूपेश सिहं, प्रभारी जेल अधीक्षक