आज है सिखों के पहले गुरु नानक जी की पुण्य तिथि

जनादेश/डेस्क: सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का नाम सिखी परंपरा में बहुत ही ज्यादा आदर से लिया जाता है। सिखों के पहले गुरु माने जाने वाले नानक जी की आज पुण्य तिथि है, जिन्होंने समाज को उस समय सही राह दिखाई थी, जब भारत में मुगलों का साम्राज्य था। गुरु नानक जी का जन्म ननकाना साहिब में हुआ था जो कि वर्तमान में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है, जबकि उनका देहावसान आज ही के दिन यानि 22 सितंबर 1539 को करतारपुर साहिब में हुआ था। आज के दिन गुरु नानक जी की याद में देश भर के गुरुद्वारे में गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। जगह-जगह पर लंंगर लगाए जाते हैं। गुरु नानक जी ने अपने जीवनकाल में समाज को कई अनमोल सीख दी जो आज भी हमें सही दिशा दिखाने का काम कर रही है।

आइए गुरु नानक की अमृतवाणी को जानने और समझने का प्रयास करते हैं।

गुरु नानक जी के अनुसार ईश्वर एक है और सभी जगह और सभी प्राणियों में मौजूद है, इसलिए हमेशा एक ही ईश्वर की उपासना करो।

गुरु नानक जी का कहना था कि परमपिता परमात्मा को सिर्फ सोचने से नहीं जाना जा सकता है, इसलिए उन्होंने लोगों को नाम जप की सीख दी। गुरु नानक जी का कहना था कि ईश्वर के नाम का बार-बार जप करना चाहिए।

गुरुनानक जी का कहना था कि अपनी आजीविका को ईमानदारी और मेहनत के साथ कमाना चाहिए,साथ ही इस कमाई में से कुछ हिस्सा जरूरतमंद व्यक्ति को देना भी चाहिए।

गुरु नानक जी के अनुसार ज्ञान के जरिए तन, मन और आत्मा तीनों प्रकाशित होते हैं।  गुरु नानक जी के अनुसार जिस प्रकार दीपक को जलाने से अंधेरा दूर होता है, उसी प्रकार ज्ञान के प्रकाश से जीवन का अंधेरा दूर हो जाता है।

गुरु नानक जी के अनुसार शिक्षित व्यक्ति वही है जो अपने जीवन में सद्गुणों को धारण करता है। गुरु नानक जी जीवन से जुड़े विकारों का त्याग करके अच्छे गुणों को अपनाने की सीख देते हैं। गुरु नानक जी के अनुसार सच्चा ज्ञान चरित्र निर्माण और मन को पवित्र बनाने में सहायक साबित होता है।