अमृतपाल की तलाश में 300 डेरों में सर्च ऑपरेशन

जनादेश एक्सप्रेस/अमृतसर। वारिस पंजाब दे का चीफ खालिस्तान समर्थक अमृतपाल 14वें दिन भी फरार है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल के धार्मिक स्थलों में छुपने का इनपुट मिला है। जिसके बाद अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर समेत पंजाब के सभी धर्मस्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पंजाब के 300 से ज्यादा डेरों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस के टारगेट पर जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और बठिंडा के डेरे हैं। इसके लिए ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। पुलिस एक स्विफ्ट कार की तलाश कर रही है। जिसमें होशियारपुर में इनोवा छोड़ अमृतपाल फरार हुआ।

वहीं संगरूर से शिअद (अमृतसर) के सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि अमृतपाल को सरेंडर नहीं करना चाहिए। उसने गलती की। साथ में ही बॉर्डर था, नेपाल जाने की क्या जरूरत थी, रावी पार कर पाकिस्तान चला जाता। हम 1984 के बाद भी गए थे। जिंदगी खतरे में हो और सरकार ऐसा जुल्म करती हो तो सिख इतिहास में यह सब जायज है।

मान ने कहा कि सरकार कह रही कि वह ISI का आदमी है। अमृतपाल वहां जाता तो ISI उसे गले लगा लेती। उधर गुरूवार को 28 घंटे में अमृतपाल का दूसरा वीडियो सामने आया। जिसमें अमृतपाल ने कहा कि मैं विदेश नहीं भागूंगा। जल्द ही लोगों के सामने आऊंगा। अमृतपाल ने कहा कि मैं भगोड़ा नहीं हूं, बस बगावत के दिन काट रहा हूं। इससे पहले बुधवार को अमृतपाल का पहला वीडियो और गुरुवार को ही ऑडियो भी सामने आ चुका है। अमृतपाल का दूसरा वीडियो कैनेडा, UK, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, जर्मनी, अमेरिका के 8 IP एड्रेस से इंटरनेट पर डाला गया है।

अमृतपाल को लेकर अब खुफिया एजेंसियों को शक है कि वह सरबत खालसा (सिख धर्मसभा) को ढाल बनाना चाहता है। यही वजह है कि वह सीधे सिखों के सर्वोच्च श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को चैलेंज कर रहा है। अमृतपाल ने जत्थेदार को कहा कि अगर उन्हें वहीर निकालनी है तो इसे श्री अकाल तख्त, अमृतसर से शुरू करे और बठिंडा के तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब में सरबत खालसा में खत्म करे। अमृतपाल ने यहां तक कह दिया कि जत्थेदार पर परिवारवाद के आरोप लगते हैं। सरबत खालसा बुलाकर वे इस इल्जाम से मुक्ति पा सकते हैं। पुलिस को शक है कि सरबत खालसा को अमृतपाल ढाल बनाना चाहता है।

वहीं अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को अमृतपाल मामले में शक है। उनका कहना है कि अमृतपाल मामला उनकी समझ से परे है। वह सिर्फ 6 महीने में ऐसा माहौल बना गया। इसमें कोई राजनीति हो सकती है।

अमृतपाल सिंह क मामले में पंजाब के अंदर ही पुलिस की इंटेलिजेंस पूरी तरह से फेल नजर आ रही है। पहले अमृतपाल पुलिस के घेरे को तोड़ भागने में सफल रहा। फिर उसके बाद जब नेपाल के अंदर, भारत-नेपाल बॉर्डर पर सख्ती हुई तो अमृतपाल को पंजाब में आना ही बेहतर लगा।

लेकिन, जिस तरह बीते दो दिनों से लगातार अमृतपाल सिंह की ऑडियो-वीडियो सामने आई है. यह पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस का फेलियर है। इनपुट्स हैं कि अमृतपाल सबसे पहले उत्तराखंड की स्कॉर्पिया कार में पंजाब आया। यहां इनोवा कार में बैठा, लेकिन पुलिस से पकड़े जाने से पहले उसने एक और कार बदल ली। पुलिस अमृतपाल के मामले में पूरी तरह से क्लू-लेस हो चुकी है। जिसके बाद अब होशियारपुर के बाद फगवाड़ा और जालंधर में भी सख्ती कर दी गई है।

पुलिस ने बीते दिन जालंधर से उस स्कॉर्पियो कार को बरामद कर लिया, जिसमें अमृतपाल सिंह पंजाब आया था। यह गाड़ी उत्तराखंड के एक डेरे के नाम पर रजिस्टर्ड है। डेरे के जत्थेदार मान सिंह ने बताया कि 6 महीने पहले इस कार को कोई सेवादार ले गया था। उसके बाद यह कार डेरे में वापस नहीं आई। इतना ही नहीं, जो सेवादार इस कार को डेरे से ले गया था, वे भी मिसिंग बताया जा रहा है।