28 करोड़ से रोपवे प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार

जनादेश एक्सप्रेस/लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकास का नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। बदलते बनारस में देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे को उतारने की कवायद ने जोर पकड़ लिया है। कैंट से गोदौलिया के बीच प्रस्तावित रोपवे परियोजना में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए वीडीए को 28 करोड़ रुपये मिले हैं। इस पैसे से दो-तीन दिन में रास्ते में बनने वाले स्टेशन और पिलर वाली जगहों से सीवर, पेयजल, पोल शिफ्ट करने का काम आज से शुरू हो गया है।

जमीन के नीचे बिछी फाइबर केबल को विशेषज्ञ टीमों के सहयोग से हटाया जाएगा। इसके बाद पेयजल और सीवर की पाइपलाइन को शिफ्ट किया जाएगा। दूसरी तरफ, हाल में संपन्न यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रखी गई रोपवे की डिजाइन को वाराणसी लाकर बड़ालालपुर स्थित टीएफसी (ट्रेड फैसिलिटी सेंटर) में रखा गया है। बदलते बनारस की सबसे महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना को दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर विकसित करने की है।

रोपवे बनने के साथ कैसा दिखेगा और कहां-कहां पिलर किस डिजाइन में होगा। जिन सड़कों पर रोपवे प्रस्तावित है, उस रोड पर क्या-क्या व्यवस्थाएं की जाएंगी। इन सारी चीजों को डिजाइन देखकर कर समझा जा सकता है। गोदौलिया चौराहे पर नीचे आवागमन सामान्य होगा और ऊपर स्टेशन का अंतिम पड़ाव होगा। 3.75 किमी के रास्ते में पांच स्टेशन होंगे।

गोदौलिया पर चारों दिशाओं में निकास द्वार बनाए जाएंगे

दिल्ली मेट्रो की तरह ही रोपवे के अंतिम स्टेशन गोदौलिया पर चारों दिशाओं में निकास द्वार बनाए जाएंगे। परियोजना में पांच स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं, जिसमें पहला स्टेशन कैंट , उसके बाद विद्यापीठ स्टेशन, रथयात्रा स्टेशन, गिरजाघर क्रासिंग और अंतिम स्टेशन गोदौलिया चौक पर प्रस्तावित किया गया है।

रोपवे में 228 केबिन होंगे। यह सेवा हर तीन से चार मिनट के अंतराल पर उपलब्ध होगी। एक केबिन में 10 लोग सवार हो सकेंगे। 6.5 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 17 मिनट में तय करेगा। रोपवे से सफर करने वाले यात्रियों को वायु और ध्वनि प्रदूषण से राहत मिलेगी।

रोपवे स्टेशन और ट्रॉली पर वाराणसी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। स्टेशन पर एस्केलेटर भी बनेगा। कैंट रेलवे स्टेशन और गोदौलिया चौराहे पर टर्मिनल स्टेशन बनेगा। परियोजना में एलाइनमेंट की कुल लंबाई 3.750 किलोमीटर निर्धारित की गई है।

देश का पहला सार्वजनिक परिवहन रोपवे शुरू करने के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई है। संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अगली वाराणसी यात्रा के दौरान देश की पहली शहरी रोपवे परियोजना की आधारशिला रखेंगे। सर्किट रेट से निर्धारित मुआवजे के आधार पर निजी भूमि पर 72 करोड़ रुपये और सरकारी भूमि पर 101 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।