जनादेश एक्स्प्रेस, दिल्ली ब्युरो: कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मानहानि केस में कोर्ट से मिली दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी कि संसद सदस्यता (Parliament Membership) खत्म कर दी गई। लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर यह घोषणा कि है। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक रैली की सभा में कहा था, ‘चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी।’
अब राहुल गांधी 2024 कि चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। आपको बता दें कि 4 साल पुराने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि केस में सूरत की स्थानीय कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी, साथ ही राहुल गांधी पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि सूरत की स्थानीय कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया है।

इस मामले में राहुल गांधी के पास सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 1 महीने का समय है। हाईकोर्ट में यदि राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी जाती है तो उसी परिस्थिति में राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो सकती है। इस प्रकरण से यह स्पष्ट हो गया है कि अब कोई भी राजनेता कुछ भी बोलने से पहले दस बार सोचेगा।
राहुल गांधी कि संसद सदस्यता खत्म होने से कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। हाल के दिनों में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस में एक नई उम्मीद का संचार किया था। इस दौरे से राहुल गांधी के राजनीतिक कद में काफी सुधार देखने को मिला। राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता जहां कांग्रेस के लिए उत्साहजनक रहा, वहीं बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन गया है।
अदालत द्वारा राहुल गांधी को दोषी ठहराना एक कानूनी प्रक्रिया मात्र है। लेकिन इस समय राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त करने का लिया गया फैसला भाजपा के लिए राजनीतिक दृष्टि से अपरिपक्व कदम है। राहुल गांधी को कोर्ट ने अपील करने के लिए समय दिया है। अगर अदालत राहुल गांधी को रियायत दे देती है, तो राहुल गांधी की संसद की सदस्यता का क्या होगा? क्या भाजपा को पता है कि अदालत आगे क्या फैसला लेगा? भाजपा को थोड़ा धर्य के साथ काम लेना चाहिए था । राहुल गांधी के प्रति आम लोगों की बढ़ती सहानुभूति कल बीजेपी के लिए सिरदर्द बन कारण बन सकता है। सच तो यह है कि प्रतिदिन गैस के बढ़ते दाम, बढ़ती महंगाई और अडानी मुद्दे के कारण आम जनता अंदर ही अंदर भाजपा के खिलाफ लामबंद हो रहा है – यह एक सच्चाई है, इसे जितनी जल्दी भाजपा समझ जाए तो अच्छा है।