मशीनें फेल होने पर गर्भवती महिलाओं को मिलेगा ई-वाउचर

जनादेश एक्सप्रेस/लखनऊ। प्रदेश में कहीं भी कोई जांच मशीन खराब होती है तो उसकी जानकारी अब एप पर मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। एप को जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने रविवार को बरेली में अमर उजाला से खास बातचीत में यह जानकारी दी।

डिप्टी सीएम ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने एक एप तैयार किया है, जिसे जल्द ही लांच किया जाएगा। प्रदेश में कहीं भी कोई जांच मशीन खराब होगी तो संबंधित चिकित्सक उसका फोटो और डिटेल एप पर डाल देंगे। आम आदमी भी एप पर खराब मशीनों की जानकारी अपडेट कर सकेंगे। उसकी मरम्मत के लिए टेक्नीशियन 24 घंटे के अंदर वहां पहुंच जाएगा। इसके अलावा किस अस्पताल में कौन सी मशीन खराब है, एप के जरिये कोई भी इसे देख सकेगा।

एप का हो रहा ट्रायल

उन्होंने बताया कि एप अभी ट्रायल में है, इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा जल्द ही सरकार गर्भवतियों को सौगात देने जा रही है। वे प्रदेश में कहीं भी निशुल्क अल्ट्रासाउंड जांच करा सकेंगी। इसके लिए पहले सीएचसी पर पंजीकरण कराना होगा। किसी कारणवश वहां अल्ट्रासाउंड व अन्य जांचें नहीं हो पा रही हैं तो उन्हें निजी जांच केंद्रों पर भेजा जाएगा। जांच का खर्च सरकार उठाएगी। इसके लिए आसपास मौजूद निजी केंद्रों को सीएचसी से संबद्ध किया जा रहा है।

सीएचसी प्रभारी महिलाओं को जांच के लिए ई-वाउचर देंगे। मोबाइल पर प्राप्त इस वाउचर को दिखाकर निजी जांच केंद्रों पर जांच कराई जाएगी और संबंधित केंद्र को सीएचसी भुगतान करेगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि कुछ जगहों पर इसे ट्रायल के तौर पर लागू किया गया है। जल्द ही यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी जाएगी।