बैंकों में लागू होगी ओटीएस योजना

जनादेश/देहरादून। सहकारी बैंकों में वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना 20 फरवरी 2023 से 25 मार्च 2023 लागू हो जाएगी। जिसके तहत खाताधारक तक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना लागू करने के आदेश सचिव एवं निबंधक डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने आदेश जारी कर दिए हैं।

इस दौरान उन्होंने बताया कि वन टाइम सेटलमेंट योजना जिला सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी बैंक में, जो खाते एनपीए हो गए हैं, उसे जमा कराने के लिए यह स्कीम निकाली गई है। यह उनके लिए सुनहरा मौका है। वहीं डॉक्टर पुरुषोत्तम का कहना हैं कि पिछले साल सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर ओटीएस स्कीम लागू करने में बैंकों ने काफी सफलता हासिल की थी,एनपीए कम हो गया है। इस बार भी मंत्री डॉ रावत के निर्देशों पर यह कदम उठाया गया हैं।

1 करोड़ रुपये तक का कर्ज ले रखे खाताधारकों को राहत

जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना में सहकारी बैंकों से 1 करोड़ रुपये तक का कर्ज ले रखे खाताधारकों को वापसी के मामले में कुछ राहत दी जायेगी। उत्तराखंड निबंधक डॉ पुरुषोत्तम ने बताया कि वन टाइम सेटेमेंट स्कीम, एकमुश्त जमा धन योजना के तहत ऐसे कर्जदार जिनकी मृत्यू हो चुकी है लेकिन उन्होंने मूलधन के बराबर राशि की किस्तें जमा कर दी हैं तो उनका ब्याज पूरी तरह माफ कर दिया जायेगा। तो दूसरी श्रेणी के अन्तर्गत, किसी सामान्य कर्जदार खाताधारक ने जितनी भी किस्तें जमा कराई हैं उनमें मूल राशि की कटौती के बाद उन्हें बकाया मूलधन का भुगतान करना होगा। तीसरी श्रेणी के तहत बैंकिंग भाषा में संदिग्ध ऋण खाते के तौर पर वर्गीकृत खाताधारकों को बकाया मूलधन पर दिये जाने वाले ब्याज पर 30 प्रतिशत छूट दी जायेगी।

इस योजना के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों की स्वीकृति तिथि से एकमुश्त या तीन समान किश्तों में ब्याज सहित सम्पूर्ण राशि जमा कराना आवश्यक होगा। ऐसे मामले जिनमें ऋण वसूली हेतु कार्यवाही उत्तराखण्ड सहकारी समिति अधिनियम 2003 तथा अन्य न्यायालयों में चल रही है / अपील में चल रहे हैं, को ऐसे आदेश जारी करने वाले सक्षम अधिकारी / प्राधिकारी की अनुमति से सम्बन्धित ऋणी व संस्था की सहमति से योजना में शामिल किया जा सकेगा। बैंक इस योजनान्तर्गत क्रियान्वित की प्रगति रिपोर्ट अपने प्रबन्ध समिति के समक्ष रखेंगे। उल्लेखनीय हैं कि,योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये, ताकि राहत चाहने वाले ऋणयों को इस योजना की जानकारी हो सके तथा सम्बन्धित शाखाओं द्वारा ऐसे सभी ऋण खातेदारों को पत्र के जरिए सूचित किया जाए।