जनादेश/डेस्क: आज का दिन हर एक भारतवासी के लिए ख़ास है। क्योंकि आज भारत के मिसाइलमैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती मनाई जा रही है। आपको बता दे आज ही के दिन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। डॉ. कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। 15 अक्तूबर 2010 को संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 15 अक्तूबर को एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस को विश्व छात्र दिवस के रूप में मानने की घोषणा की।
आपको बता दे उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम और माता का नाम आशिमा जैनुलाब्दीन था। एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रपति होने के अलावा शिक्षक, वैज्ञानिक और लेखक की भूमिका भी निभाई थी। कलाम के पिता उन्हें कलेक्टर बनाना चाहते थे और अब्दुल कलाम का सपना पायलट बनना था। लेकिन उस समय कौन जानता था कि कि भारतीय इतिहास में अब्दुल कलाम का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी लाइफ में अखबार बेचने से लेकर राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय किया है।
इसी के साथ उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रपति होने के अलावा शिक्षक, वैज्ञानिक और लेखक की भूमिका भी निभाई थी। आज भी अब्दुल कलाम भारत के सबसे चहेते राष्ट्रपति माने जाते हैं। एपीजे अब्दुल कलाम का नाम हमारे देश में बड़े आदर के साथ लिया जाता है। भारत को परमाणु संपन्न देश बनाने में भी एपीजे अब्दुल कलाम की भूमिका अहम थी। भारत के एकमात्र वैज्ञानिक राष्ट्रपति थे एपीजे अब्दुल कलाम। इसके अलावा एपीजे अब्दुल कलाम भारत के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत रत्न प्राप्त किया था। उनके जीवन से प्रभावित होकर आज भी बहुत से उनके दिए गए सिद्धांतो पर चलते है। उनके द्वारा दिए गए सिद्धांत निम्न है। साथ ही जो लोग जिम्मेदार, सरल, ईमानदार और मेहनती होते हैं, उन्हें ईश्वर की ओर से विशेष सम्मान मिलता है। क्योंकि वे इस धरती पर उसकी श्रेष्ठ रचना हैं।
किसी के जीवन में उजाला लाओ। दूसरों का आशीर्वाद लो, माता-पिता की हमेशा सेवा करो, बड़ो तथा शिक्षकों का आदर करो, और अपने देश से प्रेम करो, इनके बिना जीवन व्यर्थ है। दान करना या देना सबसे उच्च एवं श्रेष्ठ गुण है, लेकिन उसे पूर्णता देने के लिए उसके साथ क्षमा भी होनी चाहिए। जीवन में कम से कम दो गरीब बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी शिक्षा में मदद करो। हमेशा सरलता और परिश्रम का मार्ग अपनाओ, जो सफलता का एक मात्र रास्ता है। प्रकृति से सीखो और लोगों को इस बारे में बताओं, प्रकृति में सब कुछ छिपा है। हमें मुस्कराहट का परिधान पहनना चाहिए तथा उसे सुरक्षित रखने के लिए हमारी आत्मा को गुणों का परिधान पहनाना जरूरी है। समय, धैर्य और प्रकृति, सभी प्रकार की मुश्किलों को दूर करने और सभी प्रकार के जख्मों को भरने वाले बेहतर चिकित्सक होते हैं। अपने जीवन में उच्चतम एवं श्रेष्ठ लक्ष्य रखो और उसे ही प्राप्त करो। प्रत्येक क्षण रचनात्मकता का क्षण है, उसे व्यर्थ मत गवाओ।