जनादेश एक्स्प्रेस, दिल्ली ब्युरो: कोरोना (CORONA) संक्रमण ने पकडी रफ्तार, 24 घंटे में मिले 12 नए कोरोना संक्रमित, दस दिन में हुई मरीजों की संख्या दुगनी। इस साल एक दिन में सबसे ज्यादा मरीज मिले। गौतमबुद्ध नगर बीते 24 घंटे में 2 नए मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। जो इस साल एक दिन में सबसे ज्यादा मरीज है। इन्हें मिला कर कोविड-19 संक्रमण के सक्रिय केसों की संख्या 38 हो गई है। जबकि दस दिन पहले मरीजों की संख्या 18 थी। सक्रिय 38 मरीजों में 32 का इलाज होम आइसोलेशन और छह का इलाज अस्पताल में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में जगह जगह पोस्टर लगाए गए हैं कि मास्क लगाना अनिवार्य है लेकिन इस नियम का सरेआम उल्लंघन होता दिखाई दे रहा है। सीएमओ सुनील कुमार का कहना है कि शहर के अस्पतालों में सर्दी जुकाम और गले में दर्द के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। जिला अस्पताल में ही प्रतिदिन 200 से ज्यादा कोरोना के लक्षण के मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इन मरीजों में सद जुकाम, बुखार, गले में संक्रमण आदि के लक्षण है। स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर-39 स्थित नए जिला अस्पताल के साथ ही भंगेल स्थित सीएससी में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए वार्ड बनाया है। इसी के साथ, कोरोना के वेरिएंट का पता लगाने के लिए अस्पतालों को जीनोम सिक्वेंसिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं। रोज हो रही मरीजों की जांच को इस हफ्ते से बढ़ाकर 1000 किया जा रहा है।
दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में कराई मॉक ड्रिल, तैयारियों का लिया जायजा
देश कि राजधानी दिल्ली में कोरोना पैर पसार रहा है। पिछले 3 दिनों में कोरोना के हर दिन 100 से ज़्यादा मामले देखने को मिला। इंफ्लूएंजा वायरस के H3N2 वेरिएंट का खतरा भी मंडरा रहा है। ऐसे में आने वाले समय में स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई।
दिल्ली में कोविड के सबसे बड़े अस्पताल लोक नायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान सभी चीजें दुरुस्त पाई गई, अगर कहीं कोई कमी मिलेगी तो 24 घंटे के अंदर उसे दुरुस्त कर दिया जाएगा। हमारा सबसे बड़ा फोकस इस बात पर है कि जैसे ही कोई मरीज अस्पताल पहुंचे तो उसे बिना वक्त गंवाए तुरंत इलाज दिया जाए। डॉ सुरेश कुमार का कहना है कि इस अस्पताल में कोरोना के लिए 450 आरक्षित बैड्स हैं, मौजूदा वक्त में सिर्फ 2 पर ही मरीज है, जहां तक बात ऑक्सीजन सप्लाई की है तो अस्पताल ने अपनी ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता को 9 गुना करते हुए 5 टन से बढ़ाकर 44 टन कर दिया है। हर बेड तक लिक्विड ऑक्सीजन की सीधी सप्लाई है। दवाईयों और मेडिकल स्टाफ की भी कोई कमी नहीं है साथ ही बाई पेप जैसे जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट की भी टेस्ट की गई।
डॉ सुरेश ने कहाना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, कोरोना का नया स्टेन खतरनाक नहीं है, ज्यादातर लोग घर में ही ठीक हो रहे हैं। घर से बाहर निकलते हुए एहतियात बरतें, चेहरे पर मास्क पहनें और सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक दूरी बनाए रखें, वापस घर आने पर हाथों को अच्छी तरह से सैनिटाइज करें और लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराए।
दरअसल, दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि कोरोना और इंफ्लूएंजा के बढ़ते मामलों को देखते हुए 26 मार्च को दिल्ली सरकार के सभी सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया था। साथ ही अस्पतालों के MD, MS और CMO को मॉक ड्रिल के दौरान मौजूद रहकर ऑक्सीजन की उपलब्धता, स्टाफ, दवाईयां और तमाम स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच की जाए और 27 मार्च की सुबह तक रिपोर्ट सौंपी जाए।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 25 मार्च को कोरोना के 139 नए मामले आए थे, हालांकि संक्रमण दर घटकर 4.98% हो गई थी और कोरोना के किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई।
इससे पहले 24 मार्च को 152 नए मामले आए थे और कोरोना संक्रमण दर 6.66% थी। जबकि, 23 मार्च को कोरोना के 117 नए मामले आए और संक्रमण दर 4.95% थी। दिल्ली में फिलहाल कोरोना के कुल 471 एक्टिव मामले हैं, जिनमें से 293 मरीज होम आइसोलेशन में और 39 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं।