स्वामी प्रसाद के बयान को लेकर सपा में असमंजस की स्थिति

जनादेश एक्सप्रेस/लखनऊ। रामचरित मानस की चौपाई को लेकर उठे बवाल के बीच सपा में असमंजस की स्थिति है। स्वामी प्रसाद के बयान को उनका निजी बयान बताकर पार्टी बीच का रास्ता निकाल रही है। गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी में हर तरह के लोग हैं। कुछ टेढ़े हैं। आपको सबको साथ लेकर चलना है। उनका यह बयान कई तरह के अर्थ लगाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद की हत्या कराए जाने की आशंका जाहिर की है। रामचरित मानस की चौपाई को लेकर आए स्वामी प्रसाद मौर्य केबयान से सपा दो राहे पर खड़ी नजर आ रही है।

राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने स्वामी प्रसाद के बयान को उनका निजी बयान बताते हुए पल्ला झाड़ा तो पार्टी केविधायकों में खेमेबंदी शुरू हो गई। विधायक तूफानी सरोज ने स्वामी प्रसाद का समर्थन किया तो डा. मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह ने खुले तौर पर विरोध जताया। बृहस्पतिवार को इटावा में राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो रामगोपाल यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ पार्टी वास्तव में इतनी शक्तिशाली होती है, जहां आदमी मुंह नहीं खोल सकता। लेकिन, कुछ राजनीतिक पार्टियां भोले शंकर की बारात की तरह होती हैं, जहां कुछ अच्छे कुछ टेढ़े मेढ़े लोग होते हैं। सबको साथ लेकर चलना होता है। पता नही कौन कहां काम आ जाए। उनके इस बयान को बीच का रास्ता निकाल कर चलने के तौर पर देखा जा रहा है।

दूसरी तरफ राष्ट्रीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं एवं मीडिया पैनलिस्टों से सांप्रदायिक मुद्दों पर बहस से परहेज करने की सलाह दी गई है। कहा कि राजनीतिक चर्चा और बुनियादी सवालों पर ही अपना पूरा ध्यान रखना है। धार्मिक मुद्दा संवेदनशील मुद्दा है। हमें अनायास उससे संबंधित बहसों में नहीं उलझना चाहिए।

योगी के कहने से हिंदू राष्ट्र नहीं होगा – रामगोपाल

सपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव राम गोपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर कहा कि सीएम योगी के कहने पर हिंदू राष्ट्र नहीं होगा। जैसा पहले था वैसा ही रहेगा। सबको साथ लेकर चलना है। भारत न तो योगी के कारण हिन्दू राष्ट्र है। न उनके कारण होगा, जैसा सदा से था वैसा ही रहेगा। ये लोग धर्म से विकृति पैदा कर रहे हैं।

कानपुर देहात मामले में सख्त कार्रवाई की जाए

उन्होंने कानपुर देहात की घटना को निंदनीय और दर्दनाक है बताते हुए कहा कि इस प्रकरण के जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अब्दुल्लाह आजम की विधानसभा की सदस्यता निरस्त होने के सवाल पर कहा कि कानून ऐसा है जिसमें दो साल की सजा हो जाती है तो उसकी सदस्यता चली जाएगी। उम्मीद है उच्च न्यायालय में यह मामला कहीं नहीं ठहरेगा। उन्होंने ग्लोबल समिट पर कहा कि पहले भी इस तरह की समिट हुई थी। लेकिन वह कहीं दिखता नहीं है।