पंजाब में दो सीटों पर सिमटी भाजपा

जनादेश/लुधियाना (पंजाब): पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा भले ही हार गई है, मगर पार्टी के नेता निराश नहीं हैं। उनका मानना है कि भाजपा को चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत करीब डेढ़ से दो प्रतिशत बढ़ा है। पार्टी को पंजाब में 11 लाख से अधिक वोट मिले हैं। किसान आंदोलन के विपरीत असर के बावजूद भी पार्टी का जिस तरह से वोट प्रतिशत बढ़ा है, वह उन्हें उत्साहित करता है और आने वाले दिनों में पार्टी को और आगे ले जाएगा। भाजपा पंजाब में अकाली दल के साथ गठबंधन में थी और दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ते थे। दोनों दलों ने पंजाब में कई बार सरकारें दी लेकिन किसान आंदोलन के दौरान दोनों दलों ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके चलते भाजपा व अकाली दल इस चुनाव में अकेले लड़े। दोनों ही दल बुरी तरह से हारे। भाजपा दो सीट जीत पाई तो अकाली दल महज चार सीटों पर सिमट गया।
भाजपा नतीजे देखकर स्तब्ध जरूर है, मगर निराश नहीं है। पार्टी का बड़ा गुट मान रहा है कि किसान आंदोलन ने पार्टी की छवि को लोगों में कमजोर किया। आंदोलन की वजह से पंजाब के कोने-कोने में पार्टी का विरोध हो गया। इस कारण पंजाब में पहली बार अपने दम पर लड़ने जा रही भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा है। उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष पंजाब में भाजपा का सदस्यता अभियान चलाया गया। करीब साढ़े सात लाख पार्टी के नए सदस्य बने जबकि 17 हजार से अधिक सक्रिय सदस्य बने। यही नहीं शहरों के अलावा पार्टी का गांव में भी विस्तार हुआ जिस रफ्तार से अभियान चला पार्टी मजबूत हो रही थी, इससे नेता गदगद थे। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से पंजाब को लाभ मिला।
संगठन को भी ताकत मिली लेकिन दिल्ली में किसान आंदोलन ने पार्टी को झटका देना शुरू कर दिया। विधानसभा चुनाव भी आए। उस समय तक यह कहा जाने लगा की पार्टी अपने उम्मीदवार भी नहीं उतार पाएगी लेकिन पार्टी ने इन हालातों में विधानसभा चुनावों के लिए 75 उम्मीदवार भी उतारे और शेष गठबंधन के उम्मीदवार उतरे। किसान आंदोलन की चली आंधी के बावजूद पार्टी ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है वह निराश करने वाला नहीं है। ऐसे में पार्टी नए तेवर के साथ आगे बढ़ेगी। पार्टी करीब पांच महीने बाद होने वाले नगर निगम चुनाव की ओर देख रही है, जिसमें वह अपनी जमीन और मजबूत करेगी।
भाजपा के प्रदेश महासचिव जीवन गुप्ता ने बताया कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव में विपरीत हालातों में 6.30 फीसदी वोट हासिल किए हैं। पहली बार चुनाव लड़ रहे थे। किसान आंदोलन ने असर डाला। बावजूद इसके हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा। भाजपा के कई उम्मीदवारों को 20 हजार से अधिक वोट मिले हैं, इससे साफ है कि लोगों का पार्टी के प्रति विश्वास बढ़ा है और वह पार्टी को आगे ले जाएंगे।
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