अतीक अहमद ने कबूला – वर्चस्व बरकरारी के लिए कराई हत्या

जनादेश एक्सप्रेस/नई दिल्ली। बेटे असद के झांसी में गुरुवार को मुठभेड़ में मारे जाने के बाद आखिरकार माफिया अतीक ने पुलिस के सामने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया है। पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए अतीक से पूछा कि उमेश पाल की हत्या क्यों करवाई तो माफिया बोला- वर्चस्व के लिए क्योंकि मार्केट में कुछ लोग हल्ला मचाने लगे थे कि अतीक का चकिया का आतंक कम हो रहा है, जिसे बरकरार रखना जरूरी था।

  उमेश पाल उसकी और उसके गुर्गों की जमीन पर लगातार अलग-अलग तरीकों से कब्जा कर रहा था। अपने अपहरण में उसे सजा भी दिलवाना चाहता था। अपहरण केस में गवाही पूरी होने के बाद वह खिलाफ में ज्यादा बोलने लगा था और कई मददगारों को अपने पक्ष में कर लिया था।

साथ ही यह भी स्वीकारा की हत्या की साजिश में बीवी शाइस्ता भी शामिल थी और वह नही चाहती थी कि बेटा असद भी हत्याकांड में शामिल हो। बाद में अतीक के ही कहने पर भाई अशरफ, बेटा असद और बाकी लोग हत्या की योजना में शामिल हुए थे। अशरफ के आदेश पर असद शूटरों को लीड करने के लिए तैयार हो गया था। प्लान के हिसाब से असद को कार में ही रहना था, लेकिन शूटर के लड़खड़ाने पर वह बाहर निकला और उमेश पाल पर गोलियां बरसाई। इसी तरह सभी लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी।

उमेश के साथ ही पुलिस वालों की हत्या करके यह संदेश दिया गया कि अतीक का वर्चस्व बरकरार है। पुलिस कस्टडी रिमांड मिलने के बाद अतीक और अशरफ को गुरुवार रात करीब 10 बजे नैनी जेल से निकालकर धूमनगंज थाने के लॉकअप में डाल दिया गया। डीसीपी दीपक भूकर, एसीपी एनएन सिंह, एसीपी क्राइम वरुण, विवेचक व प्रभारी निरीक्षक धूमनगंज राजेश कुमार मौर्या ने अतीक व अशरफ से घंटों पूछताछ की। रात को अलग-अलग चरण में पूछताछ के बाद दोनों को दोबारा लॉकअप में डाला गया। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस के साथ ही STF,ATS और दूसरी एजेंसी के अधिकारियों ने कई सवाल पूछे। बहुत से सवालों का जवाब देने से उसने इन्कार किया तो कुछ के बारे में न कहा।