लखनऊ में 19 हजार ईंट-भट्‌टा मालिक ने किया काम बंद, पांच दिन नहीं मिलेगी ईंट

जनादेश/डेस्क: भवन निर्माण में प्रयोग होने वाली ईंट आज से पांच दिन यानि 12 से 17 सितम्बर तक मिलनी मुश्किल होगी। दरअसल ईंट-भट्ठों से इनकी बिक्री बंद हो गयी है। बता दें कि जीएसटी काउंसिल के फैसलों के खिलाफ और बिजनेस के लिए सरल नियम बनाने की मांग को लेकर यूपी ईंट-भट्ठा के मालिक कोई बिक्री नहीं करेंगे।

वहीं लखनऊ ब्रिक किल्न एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि 19 हजार ईंट-भट्‌टा मालिक ने अपना काम बंद करने का ऐलान किया है। दरअसल यूपी में 38 लाख लोग ईंट-भट्ठा कारोबार से जुड़े है। अपनी मांगों को लेकर अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक ईंट भट्ठा का काम पूरी तरह से बंद रखने का ऐलान किया जा चुका हैं। आंदोलन के उसी कड़ी में अगले पांच दिनों तक कोई बिक्री न करने का फैसला किया है

भट्ठा मालिकों का कहना है कि पिछले पांच महीने में 50 हजार से ज्यादा आवेदन दिए गए हैं। उसके बाद भी सरकार ने हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। ऐसे में अब आंदोलन के अलावा कोई चारा नहीं बचता है। उनका कहना हैं कि एमएसएमई की गाइड लाइन के अनुसार 12 लाख टन कोयला मिलना चाहिए। मगर कारोबारियों को महज 74 हजार टन देशी कोयला दिया जाता है। उसकी क्वालिटी भी बहुत खराब होती है। बाकी करीब 11 लाख टन विदेशी कोयला खरीदना पड़ता है। और स्थिति यह है कि जो कोयला 9000 रुपए टन मिलता था उसके लिए अब 18 से 27 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ता हैं। ईंट-भट्ठा एसोसिएशन का कहना है कि उनके कारोबार पर भी GST 12% कर दी गई है। इससे भी नुकसान और लागत बढ़ गई है। देखा जाए तो इससे यूपी सरकार के राजस्व पर भी बड़ा असर पड़ेगा।