जनादेश/अहमदाबाद: गुजरात मेंबीती रात एक बड़ा हादसा हो गया हैं।मोरबी में माच्छू नदी पर बने केबल पुल के टूटने से अबतक 132 लोगों की मौत हो गयी। लोगों की स्थिति अब भी गंभार बताई जा रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में अबतक 177 लोगों को बचाया गया है।
बता दें कि इस पुल का मरम्मत कार्य एक निजी कंपनी द्वारा सात महीने तक किया गया था। और 5 दिन पहले ही जनता के लिए फिर से खोला गया था। इसमें बड़ी बात है कि पुल को नगरपालिका का फिटनेस प्रमाणपत्र अभी तक नही मिला और पुल को लोगों के लिए खोल दिया गया। यब ब्रिज एक सदी से भी ज्यादा पुराना था। हादसे से पहले पुल में करीब 400 से अधिक लोग एक साथ चढ़ गये थे।
इस मामले पर नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला का कहना हैं कि पुल को 15 साल के लिए संचालन और रखरखाव के लिए ओरेवा कंपनी को दिया गया था। इस साल मार्च में, इसे मरम्मत के लिए जनता के लिए बंद कर दिया गया था। और फिर 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर खोल दिया गया था। हालांकि स्थानीय नगरपालिका ने अभी तक कोई फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था।
बता दें कि गुजरात सरकार ने कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह केस धारा 304, 308, और 114 के तहत केस दर्ज किया गया है। वहीं जिला कलेक्ट्रेट की वेबसाइट पर पुल के विवरण के अनुसार, यह एक इंजीनियरिंग चमत्कार था और यह केबल पुल मोरबी के शासकों की प्रगतिशील और वैज्ञानिक प्रकृति को दर्शाने के लिए बनाया गया था। पुल निर्माण का उद्देश्य दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस से जोड़ना था। यह पुल 1.25 मीटर चौड़ा था और इसकी लंबाई 233 मीटर थी।