सन्नी वर्मा
सीवान:– सूर्य षष्ठी पर्व के अवसर पर होने वाला डाला छठ बुधवार को उगते सूर्य की लालिमा देख व्रती महिलाओं द्वारा अर्घ्यदान के साथ धूमधाम से सम्पन्न हो गया।भोर में ही नदी में खड़ी व्रती महिलाओं पर नदी का ठण्डा जल और ठिठुरन भरा मौसम भी बौना साबित हुआ।जिला मुख्यालय सिवान सहित आंदर, गोरेयाकोठी, जीरादेई, हसनपुरा, दारौंदा, हुसैनगंज, महाराजगंज, नौतन, बड़हरिया, तरवारा, पचरुखी, सिसवन, लकड़ी नबीगंज, भगवानपुर, बसंतपुर, मैरवा, गुठनी, रघुनाथपुर प्रखंडों में यही स्थिति रही।आस्था का सैलाब हिलोरें मारता रहा। घाटों पर इतनी भीड़ लेकिन सब स्वत: अनुशासित।हालांकि विधि-व्यवस्था के लिए प्रशासन की ओर से इंतजाम किया गया था लेकिन उसकी जरूरत ही नहीं पड़ी। इस दौरान विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने घाटों पर शिविर लगाकर फल, दूध एवं अन्य पूजा सामग्री की वितरण किया। घाटों पर एवं वहां जाने वाले रास्तों पर आकर्षक लाइटिंग तथा पानी में उसकी परछाई आकाशगंगा से कम नहीं दिख रही थी। जिनके यहां छठ व्रत नहीं होता, वे भी घाटों पर पहुंचे थे। ऐसा हो भी क्यों न, छठ की महिमा ही ऐसी है कि सब भक्ति सागर में डूब जाएं। सीवान शहर के दाहा नदी पुलवा घाट पर व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। साथ ही शहर के पंचमंदिरा,महादेवा के मालवीय नगर, नवलपुर घाट, शिवव्रत साह का घाट, श्रीनगर घाट, रामनगर घाट तथा कांधवारा घाट आदि पर भी छठव्रती महिलाओं की काफी भीड़ थी।भगवान भास्कर को अर्घ्यदान के बार चार दिनों तक चलने वाली इस तपस्या का अंतिम चरण खुशनुमा माहौल में समाप्त हुआ।
निराजल व्रत रखने वाली महिलाओं के चेहरे की चमक तपस्या या मनोकामना पूरी होने का संदेश दे रही थी। मंगलवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर वापस घर लौटीं महिलाएं पूरी रात पास-पड़ोस की महिलाओं व परिजनों के साथ सुबह अर्घ्य देने के इंतजार में रतजगा करती देखी गयीं। नींद हाबी न हो इसके लिए महिलाओं का समूह छठ महिला के गीतों से पर्व को मनाते देखी गयीं। घर के पुरूष सदस्य सुबह जल्दी उठने के लिए कहीं मोबाइल तो कहीं घड़ी में एलार्म सेट कर रखे थे। भोर में स्नान ध्यान के बाद लोगों का हुजुम एक बार पुनः नदी व सरोवरों के किनारे जुटा।व्रती महिलाओं के साथ चलने वाले वयस्क व बच्चों के सिर पर पूजा के सामान थे तो साथ जा रही महिलाएं छठ मइया के भजन गा रही थीं। हाथों में कलश और उस पर जलते दीपक के साथ घरों से निकलीं व्रती महिलाओं को देखने के बाद लग रहा था मानों रात के अंधेरे में साक्षात देवियां सड़क पर निकल पड़ी हों। इस दौरान नदी व सरोवरों में दीपदान अद्भुत छटा बिखेर रही थी। लग रहा था मानों आसमान के तारे जल में उतर आए हों।
सूर्यादय का समय नजदीक आने के साथ घाटों पर भीड़ बढ़ती ही गई। लग रहा था समूचा जनमानस घाटों पर ही जमा हो गया है। जल में पूरब की ओर मुंह करके खड़ी व्रती महिलाओं ने सूर्य की लालिमा दिखने तक तपस्या किया। इस दौरान नदी व सरोवरों के घाटों पर छठ मइया से जुड़े गीतों से वातावरण गूंजता रहा। अर्घ्यदान के बाद घर पहुंचकर महिलाओं ने घर के चौखट की पूजा की और उसके बाद बेदी पर चढ़ाए गए चने को निगलकर व्रत का पारण किया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी हर्षोल्लास के माहौल में डाला छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया।
बड़हरिया में सूर्य को अर्घ्य देकर छठ सम्पन्न
बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय सहित विभिन्न ग्रामीण इलाकों में मंगलवार को अस्ताचलगामी व बुधवार को उगते सूर्य को अघ्य देने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया। प्रखंड के बड़हरिया, महमूदपुर,भीमपुर,पहाड़पुर, सदरपुर,बालापुर,हरदोबारा, बहादुरपुर,कैलगढ़,चौकी,दीनदयालपुर,नवलपुर,तेतहली,बहुआरा,पकड़ी,लकड़ी नबीगंज,रसुलपुर, कुडवा,कोइरीगांवा आदि छठ घाटों पर जनसैलाब उमड़ा था।
दरौधा में छठ महापर्व धुमधाम से मनाया गया
दारौंदा प्रखंड मुख्यालय सहित विभिन्न ग्रामीण इलाकों में गुरुवार को बुधवार को अस्ताचलगामी व गुरुवार को उगते सूर्य को अघ्य देने के साथ ही लोक आस्था महापर्व छठ संपन्न हो गया। प्रखंड के बगौरा शिवालय, शिवमंदिर, भीखाबांध मठ, दर्शननंद मठ, रुकुंदीपुर सिरसांव, पकवनिया, कोड़ारी खुर्द पिनर्थु खुर्द, करसौत, बाल बंगरा, छेरही, हड़सर, सवान विग्रह, रमशापुर, उजायं, धनौती, धनौता, दवन छपरा, रामाछपरा, बोध छपरा, रामगढ़ा आदि छठ घाटों पर जनसैलाब उमड़ा था। प्रखंड के ढेबर गांव में स्थित छठ घाट पर काफी संख्या में श्रद्धालु जमा रहे। यहां पर प्रशासन ने सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया था।
रघुनाथपुर में भी छठ महापर्व की धुम
रघुनाथपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम छठ महापर्व मनाया गया। सबसे अधिक भीड़ प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न सरयू तट पर स्थित छठ घाटों के अलावा काली स्थान, निकती खुर्द, राजपुर, हरनाथपुर, आदमपुर, नरहन, पंजवार, कौसड़र, टारी बाजार, पतार, आसांव, आंदर के दाहा नदी, जमनपुरा, सुल्तानपुर, चकरी सहित अन्य गांव में स्थित छठ घाटों पर उमड़ी रही।