राष्ट्रपिता के मूर्ति खंडित होने का चर्चा जोरों पर

 

जनादेश/परसा-जिले के भेल्दी बजार स्थित गाँधी आश्रम के नाम से चर्चित देश के राष्ट्रपिता मोहन दास महात्मा कर्मचंद्र गाँधी जी का स्थापित स्मारक दुर्दशा की डंस झेल रहा है।2 अक्टूबर गाँधी जयंती के अवसर में लगाई गई प्रतिमा का एक हाथ टूट गया है।प्रतिमा स्थापना कुछ ही दिन बाद गाँधी जी का हाथ का टूट जाना कई सवाल खड़ा कर दिया है।महात्मा गाँधी जी के हाथ टूटने से समाज में कई प्रकार की चर्चा की जा रही है।कुछ लोगो का द्वारा प्रतिमा निर्माण में घटिया समाग्रिह उपयोग करना बताया जाता है।
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तो कुछ लोगो का असामाजिक तत्व के लोगो की करतूत बताया जाता है।महात्मा गाँधी की नव स्थापित आदमकद प्रतिमा की हाथ टूटने से आक्रोश है।मालूम हो कि गत डेड साल पूर्व छपरा मुजफ्फरपुर एनएच निर्माण के दौरान पूर्व में स्थापित गाँधी जी के प्रतिमा को उखाड़कर हटा दिया गया था।जिससे स्थानीय ग्रामीणों द्वारा पुरजोर बिरोध किया गया था।और प्रतिमा स्थापित करने के लिए सड़क जाम कर कंपनी के बिरोध में प्रदर्शन किया गया था।वही प्रतिमा स्थापित के लिए पूर्व विधायक मंटू सिंह विधायक शत्रुध्न तिवारी तथा स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी से गुहार लगाया गया था।जिसपर पहल करते हुए जनप्रतिनिधियो ने एक अक्टूबर को प्रतिमा स्थापित कराया गया था।और बड़े ही धूमधाम से प्रतिमा का अनावरण कर जयंती समारोह मनाया गया था।जयंती के कुछ ही दिनों बाद गाँधी जी के प्रतिमा की बाई हाथ टूट गया।जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।