शिलांग, 8 जनवरी (जनादेश एक्सप्रेस) | मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के विरोध में पूर्वोत्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) के मंगलवार को सुबह से शाम तक के बंद के दौरान मेघालय में सामान्य जनजीवन थम गया।
मेघालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित संगमा सरकार का कहना है कि वह इस विवादास्पद विधेयक का समर्थन नहीं करेगी, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के छह गैर-मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के अवैध आव्रजकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है।
राज्य के लगभग सभी सरकारी प्रतिष्ठान और शिक्षा संस्थान बंद रहे। सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहा।
एक अधिकारी ने कहा, “सरकारी कार्यालयों में बहुत कम उपस्थिति दर्ज की गई।”
एनईएसओ समर्थकों ने राज्य के कई हिस्सों में पत्थरों से सड़कों को बंद कर दिया और टायर जलाए। कुछ वाहनों में तोड़फोड़ किए जाने की भी खबर है।
बंद के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 40 और 44 भी प्रभावित रहा। यह राजमार्ग मिजोरम व त्रिपुरा के लिए और मणिपुर व असम के कुछ हिस्सों के लिए जीवनरेखा माने जाते हैं।
पुलिस महानिदेशक आर. चंद्रनाथन ने आईएएनएस को बताया, “राज्य के किसी भी हिस्से से किसी बड़ी घटना की खबर नहीं है।”
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने सोमवार रात संवाददाताओं से कहा, “हमारे रुख को लेकर कोई असमंजस की स्थिति नहीं है। हमारी राज्य सरकार और कैबिनेट पहली है, जिसने आधिकारिक प्रस्ताव पारित किया था कि हम इस विधेयक के खिलाफ हैं।”
भाजपानीत राजग सरकार से नेशनल पीपुल्स पार्टी के बाहर होने के सवाल पर एनपीपी प्रमुख ने कहा, “हमने राजग से स्पष्ट कर दिया था कि यह (नागरिकता विधेयक) ऐसी बात है जिसका हम समर्थन नहीं करेंगे। जब समय आएगा, हम देखेंगे लेकिन अभी के लिए हमने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि हम विधेयक का समर्थन नहीं करेंगे।”