महावीरी सरस्वती विद्या मन्दिर,विजयहाता ने मनाया विजय दिवस

सीवान ।संपूर्ण भारत में 16 दिसंबर को 46वां विजय दिवस मनाया गया।इसी क्रम में महावीरी सरस्वती विद्या मंदिर,विजयहाता के प्रांगण में विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।आज ही के दिन 1971 में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान शानदार विजय प्राप्त हुआ था। विजय दिवस अपना जीवन न्योछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस युद्ध में पाकिस्तान की 96 हजार सेना बिना शर्त भारतीय सेना के सामने आत्म समर्पण किया था। अन्य राष्ट्रों की सेना के लिए यह एक मिशाल है। 1971 की लड़ाई आज भी लोगों को रोमांचित करती है। इस लड़ाई को बैटल ऑफ फतेहपुर(फतेहपुर की लड़ाई) के नाम से भी जानते है।इस कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सूर्य नमस्कार एवं योग व्यायाम कर विजय दिवस मनाया।आज के कार्यक्रम के सुअवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री राम सिंह एवं उप प्रधानाचार्य श्री मंगल देव राय ने कहा कि किसी तिथि को याद करने का भाव उस भाव का पुनर्जागरण है। श्री राय ने कहा कि अनुशासन सेना का महत्वपूर्ण अंग है,इसी कारण हमने यह जंग जीती।हम सभी अगर अनुशासन में रहे तो किसी सैनिक से कम नहीं आगे और आने वाले दिनों में हम भी जीवन के सभी जंग जीत सकते है।पाकिस्तानी जर्नल नियाजी का छिना पिस्टल आज भी भारत में गौरव गाथा गा रहा है।इस अवसर पर भैया/बहनों ने देश की रक्षा से सम्बंधित अनेकों प्रश्न पूछे,जिन्हें शारीरिक आचार्यो के द्वारा सरल भाषाओं में भैया/बहनों को बताया गया।