ब्यूरो पटना— बिहार में भले ही तमाम सुविधा व अन्य विकास की बातों पर जनता का ध्यान आकृष्ट करवाने हेतु सरकार प्रचार प्रसार कर ले पर सरकार के नुमाइंदे ही सभी नियमो की धज्जियां उड़ाते नजर आते है । यही कार्य किसी आम इंसान द्वारा किया जाए तो सरकार उसके ऊपर इतना फाइन लगा देगी की वह गरीब मर ही जायेगा । सरकार की यह दोहरी चरित्र यह दर्शाती है कि सरकार को केवल अपने नुमाइंदों से बस मतलब है । आइए बताते है एक ऐसा ही वाक्या पटना के एजी हाउसिंग सोसाइटी की जहाँ रहने वाले लोगो को एक समान सुख सुविधाएं दी गई है परंतु वही रहने वाले एक भारत सरकार में महालेखाकार पद पर कोलकत्ता में पदस्थापित पी०के०सिंह नामक मनबढ़ व्यक्ति द्वारा बगल में निवास कर रहे शशि भूषण प्रसाद (जो कि रिटायर्ड सिनीय एकाउंट ऑफिसर एजी बिहार ) को उनके घर मे वाहन के प्रवेश को रोकने के आशय से आवागमन हेतु निर्मित सड़क का अतिक्रमण मनबढ़ महालेखाकार पी०के०सिह के द्वारा किया गया है जिससे शशि भूषण प्रसाद को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । इतना ही नही शशि भूषण प्रसाद के द्वारा इसकी लिखित सूचना सचिव एजी आफिस हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी पटना को दी गयी परन्तु 5 दिवस बीत जाने के बाद भी कार्यवाही न के बराबर है । आखिर वह कौन सी वजह है जिसके चलते उस अतिक्रमण कर्ता के ऊपर कोई कार्यवाही नही हो पा रही है । या फिर बिहार सरकार के बहार वाले स्लोगन का मजाक बनता रहेगा और एक वरीय पदाधिकारी ईष्या की भावना से अपने सहयोगियों को परेशान करना यह दर्शाता है कि ” बिहार में बहार हो ,फिर नीतीश कुमार हो एक कार्यमचारी के ऊपर दूसरे कर्मचारी का बढ़ता अत्याचार हो ” इस घटना से तो यही स्लोगन सटीक बैठता नजर आ रहा है। अब देखना यह है कि उस अतिक्रमण कर्ता के ऊपर क्या कार्यवाही हो रही है ।