जेल में बंद कैदी ने न्यायलय से इच्छा मृत्यु की लगाई गुहार,पुलिस और जेल प्रशासन पर लगाए आरोप

जनादेश/छपरा

मंडल कारा छपरा वैसे अपनी कई घटनाओं को लेकर चर्चा में रहा है। जेल में बंद अपराधियों के चलते जेल हमेशा सुर्खियों में रहा है। विगत कुछ दिन पहले दो गुटों में किसी बात को लेकर जमकर मारपीट हुई थी। जिसमें कई कैदी घायल हुए थे ।लेकिन मंडल कारा छपरा एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है। इस बार जेल में बंद कैदी ने व्यवहार न्यायालय के जज के सामने इच्छा मृत्यु की इच्छा जताई है। जेल में बंद अपराधी मुन्ना ठाकुर ने जिला पुलिस कप्तान और कारा अधीक्षक के ऊपर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए इच्छा मृत्यु के लिए जज को आवेदन दिया है। जेल में बंद अपराधी विजय कुमार सिंह उर्फ मुन्ना ठाकुर ने अपने आवेदन में सारन पुलिस कप्तान और जेल अधीक्षक पर भी आरोप लगाया है उसने अपने बीमारी का जिक्र करते हुए न्यायालय से इच्छा मृत्यु का आदेश मांगा है। बंद अपराधी मुन्ना ठाकुर ने अपने आवेदन में लिखा है कि

      श्रीमान एडीजे-06,महोदय   
       व्यवहार न्यायालय,छपरा,सारण
 विषय- मुझे इच्छा मृत्यु का आदेश देने के संबंध में
महाशय,
         श्रीमान से सविनय निवेदन पूर्वक कहना है कि मैं मंडल कारा छपरा में दिनांक 01.01.2016 से बंद हुँ। मैं सुगर, बीपी, किडनी एवं हृदय रोग के बीमारी से ग्रसित हुँ। एक बार बहुत बीमारी जोड़ होने पर मैं पीएमसीएच जाकर अपना इलाज कराया था। वहां 19 दिन में एडमिट था वहां डॉक्टर मुझे हरेक 03 माह के बाद बुलाए थे। लेकिन मुझे नहीं भेजा गया।
         महाशय जब से एसपी साहब आए हैं मुझे बार बार प्रताड़ित कर रहे हैं। उनका जहां गांव है वहां हमारे बहनोई का संबंध है। उन लोगों से एसपी साहब का संबंध अच्छा नहीं है। जिसके चलते अपना व्यक्तिगत दुश्मनी हम पर छपरा जेल में कर अधीक्षक से मिलकर निकाल रहे हैं। मंडल कारा के डॉक्टर के द्वारा मुझे पीएमसीएच के लिए रेफर किया गया था, किंतु सारण एसपी के द्वारा मुझे पर गलत आरोप लगाकर सारण डीएम साहब को रिपोर्ट भेजा गया था कि हम छपरा जेल से लूटपाट करवाते हैं। जिसके चलते मुझे 03.08.2017 को गया सेंट्रल जेल 6 महीने के लिए भेज दिया गया था। वहां मुझे 6 महीने के लिए भेजा गया था लेकिन वहां से मुझे 14 महीने के बाद लाया गया। मेरे ऊपर किसी भी थाना में लूटपाट का मुकदमा दर्ज नहीं है। उसकी रिपोर्ट श्रीमान मांग सकते हैं। 24.08.2018 को गया सेंट्रल जेल से छपरा मंडल कर आया हुँ। 25.08.2018 को रात्रि 08 बजे के करीब एसपी साहब मंडल कारा  में आए और मुझसे कहे कि एक कैदी का हत्या कर दो हम तुमको बचा लेंगे। जब हम इनकार किया तो गाली गलौज करते हुए बोले की इसका अंजाम बुरा होगा।फिर एक सप्ताह बाद फिर आए और गाली देते हुए परिवार को फंसाने के लिए बोल कर चले गए।
           महाशय हमारे परिवार को बहुत झूठा केस में फंसाया गया है।मेरी माँ आईजी साहब को आवेदन दी है, जिसपर आईजी साहब जांच का आदेश कई बार सारण एसपी साहब को दिए है। किन्तु एसपी साहब सारे मामले को दबाये हुए है।
               महाशय मेरा इलाज एसपी साहब के दबाव में नही हो रहा है और मुझे फिर बिना इलाज कराए यहाँ से दूसरे जेल में भेजा जा रहा है। जब मैंने  कारा अधीक्षक साहब से पूछा कि मुझे दूसरे जेल में क्यो भेजा जा रहा है। तो उनके द्वारा 50000 रुपये का मांग किया गया।
      महाशय एक साल से मेरे विरुद्ध किसी भी थाना या जेल में शिकायत नही है। उसके बाद मुझे दूसरे जेल भेजा जा रहा है, जिससे मैं बहुत मानसिक रूप से पीड़ित हुँ। मैं घुट- घुट कर मर रहा हुँ व मेरा परिवार मेरे साथ हो रहे क्रूरता को देख मर रहा है।
              अतः श्रीमान से प्रार्थना है कि मुझे  इक्छामत्यु का आदेश दिया जाय। इसके लिए मैं व मेरा परिवार श्रीमान का आभारी रहेगा।
                 आपका विश्वासी
              
          विजय कुमार सिंह उर्फ मुन्ना ठाकुर
               वार्ड नं० 06
        मण्डल कारा, छपरा,सारण
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मुन्ना ठाकुर के ऊपर कई मुकदमे दर्ज है जिला पुलिस ने जिलेभर में बढ़ती अपराध के मध्य नजर जिले के कई संगीन अपराधियों को मंडल कारा छपरा से अन्य जगह भेजने की तैयारी में है। लगातार जिले में हो बढ़ रहे अपराध केतार कहीं ना कहीं जेल में बंद अपराधियों से जुड़े होने के चलते जिले में अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हुआ है।
जेल में बंद अपराधी द्वारा पुलिस अधीक्षक और जेल अधीक्षक पर लगाए गए आरोपों को लेकर जेल अधीक्षक से मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन लगातार नंबर व्यस्त आने के कारण जेल अधीक्षक से संपर्क नहीं हो पाया।

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