👉पंडित वीरेंद्र तिवारी व कृष्ण बल्लभ जी द्वारा किया जा रहा प्रवचन।
👉संस्कृतिक संगम सलेमपुर द्वारा किया जा रहा है रामलीला का मंचन।
👉हजारों की तादात में उमड़ रही है दर्शकों व श्रोताओं की भीड़।
👉पैसठ पंडितों द्वारा किया जा रहा है यज्ञ में वेदों और ऋचाओं का पाठ।
👉दो अनाथ लड़कियों की हुई शादी।
गोपालगंज:– जिले के कटेया प्रखंड के पटखौलि बेलवा बुढ़िया माई मंदिर परिसर में चल रहे सहस्त्र चंडी महायज्ञ के पाचवे दिन सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान दो अनाथ लड़कियों की शादी यज्ञ समिति द्वारा कराई गई। इसके अंतर्गत स्थानीय प्रखंड के रसौती की मंजिया कुमारी की शादी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के महजिदिया विशुनपुरा निवासी धनंजय ठाकुर व सिमा कुमारी की शादी गोपालगंज के खैरटिया निवासी रंजेय ठाकुर के साथ सम्पन हुई। शम्भू राय व मंजू देवी ने मंजिया कुमारी और नीरज मिश्रा व पूनम मिश्रा ने सिमा कुमारी का कन्यादान किया। यह शादी वैदिक पंडितो के मंत्रोचार के बीच सम्पन हुई। इस पावन परिणोत्सव के अविस्मरणीय सुखद क्षणों में नवदम्पति को अपने स्नेहील आर्शीवाद से अभिसिंचित करने के लिए विधान पार्षद गोपालगंज आदित्य नारायण पांडेय ,जिला पारिषद सदस्य नीरज कुमार राय मुकुल,प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि आनंद कुमार मिश्र सहित क्षेत्र के सैकड़ों गणमान्य लोग आये हुए थे। नीरज कुमार राय व आनंद कुमार मिश्र ने दोनों लड़कियों के पिता का फर्ज निभाते हुए कलेवा भेजने की बात कही तथा जीवनपर्यंत किसी भी कठिनाइयों के क्षणों में सहारा देने की बात कही। वही स्थानीय प्रखंड के करकटहा पंचायत के मुखिया कमलेश भारती ने दोनों लड़कियों की तीज भेजने की बात कही। इस अविस्मरणीय पल के गवाह क्षेत्र के हजारों की संख्या में पहुची लोगो का हुजूम बना। वही इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए यज्ञ समिति के पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं ने भी अथक लगन व मेहनत से सेवा में तप्तर रहे।मंच का संचालन सेवा निवृत्त शिक्षक सुरेंद्र पाठक ने सुचारू रूप से किया। वही भीड़ पर नियंत्रण व किसी असमाजिक तत्वो द्वारा कोई अप्रिय घटना न हो इस पर प्रशासन भी पैनी नज़र रखते हुए मुस्तैद रही।
चित्रकूट में राम भरत मिलन का हुआ मंचन
सांस्कृतिक संगम सलेमपुर के तत्वाधान में रामायण के मंचन में सहस्त्र चण्डी महायज्ञ के चौथे दिन राम केवट के सम्वाद से शुरू हुआ। मंचन से ठीक पहले स्थानीय मुखिया सह प्रखण्ड मुखिया संघ अध्यक्ष गायत्री देवी ने विधिवत फिता काटकर किया। मेरी काठे की नाँव मोरी नइयां में राम लक्ष्मण गाते हुए केवट द्वारा राम लक्ष्मण सीता को नदी पार कराते हुए दृश्यों को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। दशरथ का शब्दभेदी बाण श्रवण कुमार को लगना तथा श्रवण के माता-पिता द्वारा दशरथ को श्राप देने की कथा दशरथ के किरदार में परितोष श्रीवास्तव द्वारा कौशल्या रूपी संध्या राय तथा सुमित्रा रूपी विभा तिवारी को सुनाने का मंचन व दशरथ मरण का चित्रण किया गया। वहीं भरत शत्रुघ्न का अयोध्या लौटना, भरत कैकई संवाद व शत्रुध्न का मन्थरा को पीटने का दृश्य भी दर्शकों के मन को खूब भाया। दशरथ की अर्थी को श्मशान लेकर जाते हुए दृश्यों का जीवंत चित्रण देखकर दर्शकों ने जोरदार तालियों के साथ कलाकारों का हौसला अफजाई किया। अपने पिता का अंतिम संस्कार कर भरत का राजा जनक व सुमंत रूपी देवेश मिश्रा के साथ तीनों माताओं को लेकर चित्रकूट में राम लक्ष्मण सीता से मिलना व भरत का राम से चरण पादुका मांगने के दृश्यों का मंचन देख कर दर्शक भाव विभोर हो गए। जगत में हो राम भरत जैसे भाई गीत के साथ जब भरत चरण पादुका लेकर अयोध्या के लिए चले तो दर्शकों ने भाव विभोर हो तालियां बजाई। वही मंच का संचालन कर रहे निर्देशक मानवेंद्र त्रिपाठी की अनुभवी संचालन से दर्शक समाज आनंद ले रहा है। ज्ञातव्य है कि इस रामलीला मंचन को देखने के लिए दर्शकों की हजारों की तादाद रोज रामलीला पंडाल में पहुंच रही है।
दूल्हा के दुवरिया हो चलो देख आए सखिया – पंडित वीरेंद्र तिवारी
जब राजा दशरथ अपने चारों पुत्रों राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न की बारात लेकर सारे बारातियों के साथ अयोध्या से जनकपुर पहुंचते हैं। तब दूल्हा बने श्री राम सहित चारों भाइयों की अद्भुत छटा देखने के लिए सारी सखियां दूल्हा आए दुवरिया हो चलो देख आएं सखियां गाते हुए दौड़ती हैं। उक्त बातें शतचंडी महायज्ञ में अपने प्रवचन के पांचवे दिन पंडित वीरेंद्र तिवारी ने राम सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहीं।
नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की – कृष्ण बल्लभ
अपने पांचवे दिन के कथा में मथुरा से चलकर आए प्रख्यात कथावाचक कृष्ण बल्लभ जी ने भगवान कृष्ण की जन्मोत्सव की कथा सुनाते हुए बड़ी ही सुंदर भजन नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की सुनाइ। उन्होंने बताया कि भक्तवत्सल भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर गोकुल वासियों ने बहुत सुंदर बधाई गई और सभी लोगों ने खूब झूम झूम कर नृत्य किया। सभी आनंद में विभोर हो गए। खूब बधाई लुटाई गई। भगवान के जन्मोत्सव में गोकुल वासी खूब बधाई गाते हुए आनंद में सराबोर हो जाते हैं। ऐसे लग रहा है जैसे लक्ष्मी जी क्रीडा कर रही है, खेल रही है ब्रज में। नंद बाबा ब्राह्मणों को बुलाकर शस्ति वाचन करवाते हैं। फिर नाम करण संस्कार होता है। भगवान सुंदर सुंदर बाल लीला करते हैं।चोरी से गोपियों के घर जाते हैं। गोपियों के माखन को चुराते हैं। गोपिया शिकायत करने आती है। मैया से और भगवान के दर्शन करके विभोर हो जाती है । गोपिया जो कुछ भी करती है गोविंद की खुशी के लिए। भगवान गोप ग्वालो के साथ गैया चराते हैं और भगवान का नाम गोपाल पड़ता है। भगवान सुंदर सुंदर लीला करते हैं। कालिया नाग के ऊपर नाचते हैं। और उसको जमुना से बाहर निकालकर रमणीक द्विप को भेज देते हैं। भगवान बांसुरी बजाते हैं बांसुरी के धुन सुनकर सभी गोपिया आनंद में भी बोर हो जाते हैं और अपना सर्वस्व कन्हैया को मान बैठती है। कात्यानी का व्रत करती है कृष्ण की प्राप्ति के लिए और भगवान आश्वासन देते है।