संक्रांति को लेकर सजने लगा तिलकुट का बाजार

सीवान/प्रभारी ।अब मकर संक्रांति में सात दिन ही शेष रह गये हैं। इसको लेकर शहर के चौक-चौराहे पर दुकान सज गयी है।कहीं चावल व चिउरा सहित मीठा की बिक्री हो रही है,तो कहीं तिलकुट का निर्माण चल रहा है।सभी चौक-चौराहे पर तिलकुट की खुशबू फैलने लगी है।शहर के हर चौक-चौराहों पर ठेला पर तिलकुट की बिक्री शुरू है।हर कोई इसका खरीदारी करते नजर आ रहा है।मकरसंक्रांति की खरीदारी को ले बाजारों में काफी चहल-पहल देखी जा रही है। लोग दूध-दही को ले मवेशी पालकों से बयाना-बट्टा करते देखे जा रहे हैं।दुकानदार सोनू ने बताया कि इस बार अन्य वर्षों से सामान की कीमत में कुछ बढ़ोतरी हुई है जिस कारण बाजार में रौनक दिखने लगी है।दुकानदार मुन्ना कुमार बताते हैं कि मकर संक्रांति को लेकर तिलकुट की बिक्री बढ़ गयी है।यहां पर खोया व मावा वाले तिलकुट की भी बिक्री की जा रही है।बड़हरिया प्रखंड के पंडित रविन्द्र पाण्डेय ने बताया कि इस बार की मकर संक्रांति पर विशेष संयोग बन रहा है।इस बार मकर संक्रांति पन्द्रह जनवरी को मनायी जायेगी।

क्या है मान्यता

मकर संक्रांति के दिन दही व चूड़ा का विशेष महत्व होता है।इस दिन नदी में स्नान के लिए लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है।दिन में स्नान कर लोग चूड़ा,तिलवा और तिलकुट का दान करते हैं। ब दही व चूड़ा के साथ कई प्रकार की सब्जी व चोखा-चटनी के साथ ग्रहण करते हैं।सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं।एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है।वैसे तो सूर्य संक्रांति 12 हैं, लेकिन इनमें से चार संक्रांति महत्वपूर्ण हैं जिनमें मेष, कर्क, तुला, मकर संक्रांति हैं। मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नानए दान और पुण्य के शुभ समय का विशेष महत्व है।

संक्रांति को लेकर सजने लगा तिलकुट का बाजार

सीवान/मैरवा ।मकर संक्रांति की आहट के साथ ही बाजार में तिलकुट की सोंधी महक आनी शुरू हो गयी है।इसको लेकर बाजारों में तिल, लाई, गुड़, दूध, दही, चीनी आदि की खरीदारी को ले सुबह से शाम तक बाजारों में काफी चहल-पहल देखी जा रही है। लंबे समय तक यह पर्व 14 जनवरी को ही पड़ा लेकिन अब पिछले दो-तीन सालों से 15 जनवरी को संक्रांति का पुण्यकाल हो रहा है।दुकानदार अजय कुमार साह ने बताया कि इस बार अन्य वर्षों से सामान की कीमत में कुछ बढ़ोतरी हुई है।वहीं मझौली चौक स्थित हनुमान मंदिर के पास कारीगरों द्वारा तिलकुट का निर्माण किया जा रहा है।दुकानदार छोटेलाल शाह बताते हैं कि मकर संक्रांति को लेकर चावल का तिलुआ की बिक्री बढ़ गयी है।तिलकुट की भी बिक्री की जा रही है।मैरवा प्रखंड के पंडित सुधीर मिश्र ने बताया कि इस बार की मकर संक्रांति पर विशेष संयोग बन रहा है।इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनायी जायेगी।