👉नहीं रोक पाई धर्म और मजहब की दीवारे।
गोपालगंज:- एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जहाँ वेवश पिता और उसकी लाचारी ने पत्नी की मौत के 15 दिन वाद अपने ही जिगर के दो टुकड़ों को अच्छी परवरिश के लिए धर्म और महजब को बिना परवाह किए गोद दे दिया कहा जाता है कि इंसानियत के लिए किसी मजहब और धर्म की जरूरत नहीं है कुछ ऐसा ही नजारा दो थाना क्षेत्र भोरे और कटेया के बीच दर्शा गया पूरे मामले से आपको अवगत कराते चलें कटेया थाना क्षेत्र के महंथवा गांव का है जहां गरीबी और वेवशी की मार झेल रहा एक परिवार का मुखिया जिसका विनोद यादव है आज से चार वर्ष पूर्व उसकी शादी हुइ और शादी के एक वर्ष विनोद यादव की पत्नी ने एक पुत्री को जन्म दिया जिसका नाम मुश्कान रखा गया उसके ठीक दो साल वाद पत्नी के दौरा एक पुत्र को जन्म दिया गया जिसका नाम राज रखा गया लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था बच्चे के जन्म के महज कुछ देर पश्चात जन्म देनेवाली माँ की मौत हो गयी पहले से गरीबी और वेवशी की मार झेल रहा पिता पूरी तरह टूट गया और कदम डगमगाने लगे एक तरफ पत्नी की मौत का गहरा घाव् दूसरी तरफ दो मासूमो के परवरिश की जिमेदारी ने उसे पूरी तरह कमजोर कर दिया।और अपने दो मासूम बच्चे और बच्ची को भोरे थाना क्षेत्र के रामपुर चकरवा गांव निवासी वकील अंसारी और उनके छोटे भाई इंतेयाज अंसारी को गोद दे दिया बताया जाता है कि भोरे थाना क्षेत्र के रामपुर चकरवा गांव के वकील अंसारी की पत्नी को शादी के आठ साल वाद कोई बचा नहीं है मिली जानकारी के मुताबिक वकील अंसारी राज मिस्री का काम करते है और अपना परिवार की रोजी रोटी चलाते हैं जिन्हें बरसों से एक बच्चे की तलाश थी जो उनके वंश को आगे बढ़ा सके दूसरे भाई की अगर बात करें तो वकील अंसारी का छोटा भाई इम्तियाज वाहन चलाता है शादी के 5 साल बाद भी इम्तियाज को भी कोई बच्चा नहीं है हालांकि यह कार्य चोरी चुपके नहीं हुआ इस मामले में पंचायत के मुखिया सरपंच की भी भूमिका देखी गई जहां भोरे थाना क्षेत्र के रामपुर चकरवा गांव के वकील अंसारी पत्नी मुर्शीद खातून ने बच्चे को गोद लिया वहीं दूसरी तरफ इम्तियाज अंसारी पत्नी मैजूद नेशा ने 2 साल के मासूम बच्ची मुस्कान को गोद लिया पंचायत के मुखिया उमेश बैठा ग्राम कचहरी के सरपंच सहित गांव के गोपाल भगत हसनाथ माझी राजेंद्र भगत राम कुमार प्रसाद दिनेश चौधरी राजू सिंह सहित कई दर्जन की शंख्या मे ग्रामीण मैजूद रहे।