हत्या के 8 साल बाद जिंदा होकर न्यायालय पहुंची महिला

गोपालगंज:- जिले के उचकागांव थाना क्षेत्र के बरगछिया गांव से हत्या के मामले में पति के एक साल, सास के छह माह जेल काटने के बाद घटना के 8 साल बाद जिंदा होकर पत्नी अचानक सीजीएम 9 के न्यायालय में पहुंच गई। जिससे न्यायालय में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।

जनादेश अख़बार का अपने हॉकर से मांग करे !

बताएया जा रहा है कि उचकागांव थाना क्षेत्र के बऱगछिया गांव निवासी स्वर्गीय इद्रीस मियां के बेटे एकरामुल हक की शादी सन 1990 में सिवान जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मौजे बघड़ा गांव निवासी मोहम्मद सगीर मियां की बेटी तबस्सुम खातुन के साथ हुआ था।शादी के बाद दोनों से तीन बेटी और एक बेटी का जन्म हुआ। अपने परिवार की परवरिश के लिए एकरामुल हक विदेशी भी गए। जहां से उन्होंने अच्छी-खासी मजदूरी की कमाई अपने पत्नी को भेजी।बताया जा रहा है कि किसी कारणवस वह विदेश से घर आ गए। 31 मार्च 2010 को हथुआ अनुमंडल न्यायालय में किसी मामले में प्रस्तुत होने के लिए गए हुए थे।इसी दौरान उनकी पत्नी घर से कुछ सामान लेकर अपने बच्चों को यह बताते हुए कहीं चली गई कि वह अपने उनके नाना के घर जा रही है और वहीं से अपना इलाज कराने के लिए पटना जाएगी। परंतु कई माह बाद भी वह वापस घर नहीं पहुंची। मामले में जहां एक तरफ बरगछिया गांव से संदेहास्पद स्थिति में गायब हुई महिला तबस्सुम खातून के पिता मोहम्मद सगीर द्वारा सिवान मुफसिल थाने में अपने दामाद एकरामुल हक, समधन शहुदन खातुन सहित चार लोगों के विरुद्ध बेटी के इलाज के बहाने पटना ले जाने के क्रम में उसकी हत्या कर शव गायब करने की प्राथमिकी थाने में दर्ज करा दी। वहीं दूसरी ओर मामले मे पति एकरामुल हक द्वारा अपने पत्नी,ससूर सहित तीन लोगों के विरुद्ध उसके कमाई का हजारों रूपए और खरीदे गए गहने घर से चोरी करने लेने का आरोप लगाते हुए उचकागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।बताया जा रहा है कि जहां एक तरफ उचकागांव थाना पुलिस रहस्यमय ढंग से गायब एकरामुल हक की पत्नी तबस्सुम खातून को खोजने में सफल नहीं हो सकी।वहीं दूसरी ओर सिवान मुफसिल थाना पुलिस द्वारा अलग अलग छापेमारी कर पीड़ित पति एकरामुल हक और उनकी मां सहुदन खातुन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।जहां एक तरफ एकरामुल हक लगभग एक वर्ष वहीं उनकी मां सहुदन खातुन लगभग छह माह अपने पत्नी और बहू के हत्या मामले मे जेल मे रह कर जमानत पर रिहा हुए। बताया जा रहा है कि इसी दौरान एकरामुल हक के ससुर मोहम्मद सगीर उसके दो बेटीयों और बेटे को लेकर अपने घर लेते गए।परंतु एकरामुल हक ने हिम्मत नही हारी और रहस्यमय ढंग से गायब पत्नी की खोज मे लगे रहे। एक बार उन्हें किसी के द्वारा गुप्त सूचना दी गई कि उसकी पत्नी अपने बेटे के साथ दिल्ली में रहती है। और दिल्ली से वापस अपने मायके आई हुई है। जिसको बरामद करने के लिए उनके द्वारा उचकागांव थाना पुलिस से सहयोग की मांग की। परंतु पुलिस द्वारा मामले में कोई सहयोग नहीं किया गया। जिसके बाद चोरी के मामले में कुर्की जब्ती निकलने के बाद रहस्यमय ढंग से गायब होने के लगभग 8 साल बाद पत्नी तबस्सुम खातुन जिंदा होकर शुक्रवार के दिन सीजेएम नौ गोपालगंज के न्यायालय में प्रस्तुत हुई। जिसे देख कर जज साहब भी सोचने पर मजबूर हो गए। जिसके हत्या के मामले मे जहां एक तरफ महिला का पति एक साल तक जेल में रह कर जमानत पर छूटा है और उसकी सास लगभग छह माह जेल मे रह चुकी है। वह पत्नी अपने हत्या के लगभग 8 साल बाद जिंदा होकर चोरी के मामले मे जमानत लेने के लिए न्यायालय में प्रस्तुत हुई। महिला के जिंदा होकर न्यायालय में प्रस्तुत होने के बाद चर्चा का बाजार गर्म है।वैसे महिला कब और कैसे रहस्मय में ढंग से गायब हुई और इतने दिनों तक कहां रही इस संबंध में अपना बयान दर्ज नहीं कराने के कारण मामले का खुलासा नहीं हो सका है।