- मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 2008 में कुल 100 दागी विधायक चुनकर आए थे
- 2013 में तीनों राज्यों के दागी विधायकों की संख्या बढ़कर 124 हो गई
- तीनों राज्यों में 248 उम्मीदवार ऐसे थे जिन पर गंभीर आपराधिक मुकदमे थे, इनमें से 176 हार गए
भोपाल/जयपुर/रायपुर. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अपने एक फैसले में कहा था कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनावों से दूर रखने के लिए संसद को कानून बनाना चाहिए। कोर्ट ने यह चिंता इसलिए जाहिर की क्योंकि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में दागियों की संख्या में कमी नहीं आई है। इस बार जिन तीन मुख्य राज्यों यानी मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, वहां के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि पांच साल में दागी विधायकों की संख्या बढ़ी है। 2008 की विधानसभा के मुकाबले 2013 में मध्यप्रदेश में 15, राजस्थान में 5 और छत्तीसगढ़ में 4 दागी विधायक बढ़ गए।
अच्छी बात यह है कि ऐसे दागी उम्मीदवारों की संख्या भी अच्छी खासी है जो चुनाव हार गए। तीनों राज्यों में 2013 में 248 ऐसे उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था जिन पर हत्या और किडनैपिंग जैसे गंभीर आपराध के मुकदमे दर्ज थे। इनमें से जनता ने 70% यानी 176 उम्मीदवारों को नकार दिया। फिर भी गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 72 उम्मीदवारों ने चुनाव जीत लिया।
मध्यप्रदेश में 5 साल में दागी विधायक 25% बढ़े : 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में दागी विधायकों की संख्या में इजाफा हुआ। 2008 में 26% यानी 58 विधायकों ने आपराधिक मामले घोषित किए थे। 2013 में ऐसे निर्वाचित नेताओं की संख्या 32% बढ़कर 73 हो गई। 2013 के हलफनामों के मुताबिक भाजपा के 165 में से 29% यानी 48 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे थे। कांग्रेस के ऐसे विधायकों की संख्या 38% थी। यानी उसके 58 में से 22 विधायकों पर आपराधिक मुकदमे थे।
- मध्यप्रदेश में 2013 में चुने गए 73 दागी विधायकों में से 45 पर किडनैपिंग, डकैती, अवैध वसूली और महिलाओं पर हमले जैसे गंभीर अपराध के मुकदमे थे।
- राज्य में आपराधिक मुकदमों वाले 120 उम्मीदावारों ने चुनाव लड़ा था। इनमें से 75 उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा।
किस दल के कितने दागी
मध्यप्रदेश | 2008 | 2013 | बढ़ोतरी/कमी |
भाजपा | 29 | 48 | 65% |
कांग्रेस | 23 | 22 | -4% |
बसपा | 3 | 1 | -66% |
- 2008 में कुल 230 सीटों में से भाजपा को 143, कांग्रेस को 71 सीटें मिली थीं।
- 2013 में भाजपा को 165 और कांग्रेस को 58 सीटें मिलीं।
राजस्थान में 5 साल में 5 दागी विधायक बढ़े : राजस्थान में 2008 में 16 फीसदी यानी 31 विधायकों पर आपराधिक मुकदमे थे। 2013 में इनकी संख्या बढ़कर 18 फीसदी यानी 36 विधायक हो गई। भाजपा के 162 में से 28 (17%), कांग्रेस के 21 में से 5 (24%) विधायकों ने आपराधिक मामले घोषित किए थे। तीन अन्य विधायकों पर भी अापराधिक मुकदमे थे।
- राजस्थान में 2013 में चुनकर आए 36 दागी विधायकों में से 19 पर हत्या और अपहरण जैसे गंभीर अापराधिक मुकदमे थे।
- गंभीर मुकदमों वाले 62 दागी उम्मीदवारों ने पिछली बार चुनाव लड़ा था। इनमें से 43 चुनाव हार गए।
किस दल के कितने दागी
राजस्थान | 2008 | 2013 | बढ़ोतरी/कमी |
भाजपा | 06 | 28 | 366% |
कांग्रेस | 15 | 05 | -66% |
- 2008 में कुल 200 सीटों में से भाजपा को 78, कांग्रेस को 96 सीटें मिली थीं।
- 2013 में भाजपा को 163 और कांग्रेस को 21 सीटें मिलीं।
छत्तीसगढ़ में 90 में से 15 विधायक दागी : छत्तीसगढ़ में 2013 में चुनकर आई विधानसभा में 17% यानी 15 विधायक दागी थे। 2008 में इनकी संख्या 13% यानी 11 थी। 2013 में दागियों में भाजपा के 6, कांग्रेस के 9 विधायक शामिल थे।
- 15 दागी विधायकों में से 8 के खिलाफ गंभीर अपराध के मुकदमे दर्ज थे।
- पिछली बार हत्या और किडनैपिंग जैसे गंभीर अपराध के आरोपी 66 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। इनमें से 58 उम्मीदवार चुनाव हार गए थे।
किस दल के कितने दागी
छत्तीसगढ़ | 2008 | 2013 | बढ़ोतरी |
भाजपा | 6 | 6 | 0% |
कांग्रेस | 5 | 9 | 80% |
- 2008 में कुल 90 सीटों में से भाजपा को 50, कांग्रेस को 38 सीटें मिली थीं।
- 2013 में भाजपा को 49 और कांग्रेस को 39 सीटें मिलीं।